Saturday 16 January 2016

कृष्ण बल्लभ बाबू: दलितों के मसीहा - शिव चन्द्र प्रसाद, प्राचार्य, आर.एस.पी. कॉलेज, झरिया



FROM THE BLOGGER’S LIBRARY: REMEMBERING K.B.SAHAY:15

लोकपत्र  (पटना) के के. बी. सहाय विशेषांक में दिसंबर 1987 को प्रकाशित
 



स्वर्गीय कृष्ण बल्लभ बाबू बिहार के तीसरे मुख्य-मंत्री थे किन्तु अपनी कर्मठ सेवा भावना, अनुपम त्याग और सादगीपूर्ण जीवन के कारण बिहार वासियों के ह्रदय में अपना स्थान पहले ही बना चुके थे स्वतंत्रता आंदोलन के युग में संघर्ष और जुझारूपन का जो उदाहरण कृष्ण बल्लभ बाबू ने दर्शाया, वह स्वतंत्रता सेनानियों के लिए आदर्श बन गया लेकिन वे सिर्फ आदर्श बना कर ही चैन से बैठ जाना नहीं चाहते थे वे घूम-घूम कर गावं-गावं और जंगल-जंगल आज़ादी का अलख जगाते रहे तथा भारत माता की बेड़ियों को काटने के लिए तैयार हवन कुण्ड के लिए आहुतियां तैयार करते रहे

कृष्ण बल्लभ बाबू ने छोटानागपुर की धरती पर जन्म लेकर इस क्षेत्र में जागरण की लहर को गति दी और शोषितों, पीड़ितों तथा अभावग्रस्त दलितों के मसीहा बने आदिवासियों एवं हरिजनों सहित समाज के कमजोर वर्ग का मुक्ति आंदोलन उन्होनें ही शुरू किया था

सच पूछा जाए तो कृष्ण बल्लभ बाबू के बाद छोटानागपुर की धरती सही नेतृत्व की तलाश में व्यग्र है हम उनके बताये गए मार्गों का अनुसरण कर के ही उस नेतृत्व का बिम्ब पा सकते हैं

उनके प्रति हमरी सच्ची और सतत श्रद्धांजलि अर्पित है

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